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भौतिकी का वर्गीकरण : एक महत्वपूर्ण निष्कर्ष


साधारणतः मनुष्य की समझने की क्षमता उदाहरण तक सीमित है। कहने का तात्पर्य वह प्रत्येक घटना, गुण अथवा अस्तित्व जिसे मनुष्य समझना चाहता है, को एक अन्य समकक्षीय घटना, गुण अथवा अस्तित्व द्वारा उदाहरण रूप में समझता है। परन्तु वे घटनाएँ, गुण और अस्तित्व के अंश जिनकी उपस्थिति निर्पेक्षीय है। उनको समझना बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि उसके उदाहरण के लिए किसी अन्य समकक्षीय घटना, गुण अथवा भौतिकता का अस्तित्व नही होता।
इसी प्रकार मनुष्य भौतिकी को पैटर्न की दृष्टी से समझता है। यदि उसे गति, स्थिति, संरचना अथवा अस्तित्व के रूपों में कोई पैटर्न दिखलाई नही देता। तब तक वह उस संरचना की गति, स्थिति अथवा रूपों को समझ नही पाता। या यूँ कहें कि मनुष्य तब तक उस भौतिकी से अनजान रहता है। जब तक कि उस भौतिकी में कोई पैटर्न दिखलाई न दे। भौतिकी को पैटर्न की दृष्टी से तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है। पहला भाग भौतिक स्वरुप, दूसरा भाग भौतिकता अथवा भौतिक रूप, और तीसरा भाग भौतिकता के रूपों को दर्शाता है। ये तीनों पैटर्न व्यापकता, अवस्था, संरचना, विकास, परिवर्तन, भौतिकता की माप, बाह्य बल की उपस्थिति, गुणात्मक मान, संख्यात्मक मान और महा-एकीकृत वर्गीकरण का फ्लो-ग्राफ पर आधारित वर्गीकृत रूप हैं।
  1. भौतिक स्वरुप : आधारभूत ब्रह्माण्ड की संरचना का ढांचा ब्रह्माण्ड का स्वरुप है। ब्रह्माण्ड के इस भौतिक स्वरुप को गणितीय भौतिक संरचना के रूप में ही जाना जा सकता है। यह विशिष्ट संरचना ब्रह्माण्ड की प्रकृति को निर्धारित करती है। इस अपरिवर्तित संरचना में सतत् परिवर्तन होते हैं। यही परिवर्तन प्रकृति निर्माण के कारण हैं।
  2. भौतिक रूप (भौतिकता) : ब्रह्माण्ड में सतत् परिवर्तन (विस्तार) के कारण ही ब्रह्माण्ड में भौतिकता के गुण देखने को मिलते हैं। फलस्वरूप हम इसका परिक्षण और अध्ययन कर पाते हैं। इसलिए भौतिकता के अधिकतम मान को भौतिक रूप या ब्रह्माण्ड कहते हैं। इसमें शामिल होने के लिए ऐसा कुछ भी शेष नहीं रह जाता है, जो भौतिकता के गुणों को दर्शाता हो।
  3. भौतिकता के रूप : भौतिकता अथवा ब्रह्माण्ड के भौतिक रूप का परिक्षण कर पाना असंभव है। क्योंकि परिक्षण के लिए जरुरी घटकों का भौतिकता के समान किन्तु भौतिकता से पृथ्क उपस्थिति के रूप में गुण दर्शाना संभव नहीं है। ”भौतिकता के रूपों” के क्षेत्र की व्यापकता सदैव भौतिक स्वरुप अथवा भौतिकता से कम ही आंकी जाती है। फिर भी भौतिकता के रूपों का परिक्षण करके, सैद्धांतिक रूप में भौतिकता को जाना जा सकता है। वर्तमान में भौतिकता के पांच ज्ञात रूप हैं। जिनमें अवयव, कण, पिंड, निकाय और निर्देशित तंत्र प्रमुख हैं। भौतिकता के किसी भी रूप की समानता, भौतिक स्वरुप अथवा भौतिकता के साथ नहीं की जा सकती। क्योंकि भौतिक स्वरुप अथवा भौतिक रुप, भौतिकता के रूपों का संयोजन है।